*देवभूमि न्यूज 24.इन*
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⭕सप्ताह में गुरुवार का दिन बृहस्पति देव और गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन व्रत रखने और कुछ ज्योतिष उपाय करने से व्यक्ति को श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है.
बता दें कि इस दिन व्रत रखने से खुशहाली, अनुकूल वर की प्राप्ति, शिक्षा में उन्नति और कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार का व्रत 16 सप्ताह तक रखा जाता है. 17वें सप्ताह के पहले गुरुवार के दिन इसका उद्यापन किया जाता है. गुरुवार के व्रत से जुड़े कुछ खास नियमों के बारे में बताया गया है, जिसका विधिवत पालन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. जानें गुरुवार व्रत से जुड़े नियमों के बारे में.

🪔कब से शुरू करें गुरुवार का व्रत
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धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष माह को छोड़कर किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से इन व्रतों की शुरुआत की जा सकती है. व्रत शुरू करने से पहले पीरियड्स के दिनों का खास ध्यान रखें. जो महिलाएं 16 गुरुवार व्रत का संकल्प लेती हैं, उन्हें व्रत को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए.
🪔गुरुवार व्रत के नियम और विधि
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ऐसा माना जाता है कि गुरुवार का रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गुरुवार के व्रत शुरू करने से सुबह सूर्य उदय से पहले उठें. इसके बाद स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. फिर विष्णु भगवान का ध्यान करें

और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल अर्पित करें. इसके बाद इन्हें इसी रंग का चंदन अर्पित करें. भोग के तौर पर पीली वस्तुओं का ही इस्तेमाल करें.
वैसे को भगवान विष्णु को केले का भोग लगाया जा सकता है. पूजा के दौरान विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णउ जी के मंत्र का जाप करें. कम से कम एक माला का जार करें. इसके साथ ही, इसके साथ ही मंत्र जाप के लिए तुलसी की माला का ही प्रयोग करें.
गुरुवार के दिन दान करना बेहद शुभ माना गया है. पीली वस्तुओं का जान करना भी शुभ होता है. चने की दान, गुड़ आदि का दान शुभ माना गया है. गुरुवार व्रत के दिन शाम के समय भगवान विष्णु की आरती करें. इसके बाद सूर्यास्त होने पर व्रत का पारण करें. जल्द ही भगवान आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे.
*🚩#हरिऊँ🚩*
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