महीने के इन तिथियों को नहीं तोड़ना चाहिए बेलपत्र..डॉ दीपक दुबे.

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     *देवभूमि न्यूज 24.इन*

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🪦हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित महीना माना जाता है. इस पूरे महीने घरों और मंदिर में भगवान शिव के कई अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं. भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग में बेलपत्र इत्यादि चढ़ाए जाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र बेहद पसंद है. जिस वजह से भगवान शिव का कोई भी अनुष्ठान हो या फिर कोई भी पूजा हो, तो भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं. जिस वजह से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. पर क्या आपको पता है बेलपत्र तोड़ने के भी नियम है. आज हम आपको बेलपत्र तोड़ने के नियमों को बताने जा रहे हैं.

♿भगवान शिव के बेहद प्रिय बेलपत्र तोड़ते समय कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है.
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  1. बेलपत्र तोड़ने से पहले पौधे को प्रणाम करें उसके बाद मन ही मन भगवान शिव का स्मरण करें और •”ओम नमः शिवाय” का जाप करने के बाद •3 और 5 पत्तियों वाले बेलपत्र तोड़ना चाहिए.
  2. बेलपत्र को कभी भी टहनियों से नहीं तोड़ना चाहिए. साथ ही बेलपत्र तोड़ने से पहले स्वयं स्नान आदि से निवृत्त होकर ही बेलपत्र तोड़ने चाहिए.
  3. कई लोग सावन माह में बेलपत्र को टहनियों सहित गाड़ियों की छतों में रखकर ले जाते हुए देखे गए हैं. ऐसा करना महा पाप है. बेलपत्र में भगवान शिव का वास है. बेलपत्र के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए.

📿इन तिथियों को वर्जित है बेलपत्र तोड़ना
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कई लोगों को बेलपत्र तोड़ने के नियम पता नहीं हैं. जिस वजह से महादेव की कृपा उन तक नहीं पहुंचती ऐसे में बेलपत्र तोड़ने की जितनी सावधानियां है उतनी ही सावधानियां तिथि को लेकर भी है. अर्थात किस तिथि को बेलपत्र तोड़ना वर्जित है ये जानना बेहद आवश्यक है. ये सारे नियम हमारे पुराणों में वर्णित हैं. •लिंग पुराण के अनुसार चतुर्दशी, चतुर्थी, नवमी, अमावस्या, अष्टमी, और सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित है. साथ ही •सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद भी बेलपत्र तोड़ना वर्जित है.

       *♿#जय_महाकाल♿*
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