कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 18 अगस्त पर विशेष
*देवभूमि न्यूज डेस्क*
रक्षाबंधन की भांति इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर भी संशय बरकरार है रक्षाबंधन पर राखी बांधने को लेकर देशवासियों में एक तिथि तय नहीं हो पाई। “भद्रा” को लेकर देश में रक्षाबंधन पर राखी 2 दिन बांधी गई। रक्षाबंधन के बाद अब कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भी एक तिथि को लेकर कन्फ्यूजन है। शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी एवं शिवरात्रि हमेशा रात को ही मनाई जाती है हर वर्ष जन्माष्टमी भी दो दिन मनाई जाती है पहले दिन स्मार्त अर्थात गृहस्थी लोगो के लिए होता है दूसरा दिन वैष्णव अर्थात साधु संतों व सन्यासियों के लिए होता है
इस वर्ष 18 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत रहेगा 18 और 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने लेकर ज्योतिषियों में भी अलग-अलग मत है। बता दें कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस साल अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात के 12 बजे हुआ था। पंचांग के अनुसार गुरुवार, 18 अगस्त को रात के 09 बजकर 21 मिनट से अष्टमी तिथि लग जाएगी जो कि अगले दिन 19 अगस्त शुक्रवार को रात के 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी। मथुरा में भी जन्माष्टमी बनाए जाने को लेकर 2 दिन का कन्फ्यूजन बना हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि इस साल जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक इस साल अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। निशीथ पूजा की अवधि 18 अगस्त को रात 12 बजकर 3 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पूजा करने के लिए कुल 44 मिनट का समय मिलेगा। वहीं, पारण 19 अगस्त सुबह 5 बजकर 52 मिनट के बाद होगा। ऐसे में इस साल 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा। मथुरा, वृन्दावन, द्वारिकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी। हालांकि मथुरा, वृंदावन में अष्टमी तिथि 2 बार पड़ने से भक्तों में उत्साह छाया हुआ है। कान्हा की नगरी मथुरा वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। देश-विदेश से लाखों भक्त जन्माष्टमी पर पहुंचते हैं।