हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा
*देवभूमि न्यूज डेस्क*
क, ख, ग, घ, ङ- *कंठव्य* कहे गए,क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है। एक बार बोल करदेखिये
च, छ, ज, झ,ञ- *तालव्य* कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ तालू से लगती है। एक बार बोल कर देखिये |
ट, ठ, ड, ढ , ण- *मूर्धन्य* कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।एक बार बोल कर देखिये |
त, थ, द, ध, न- *दंतीय* कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है। एक बार बोल कर देखिये |
प, फ, ब, भ, म,- *ओष्ठ्य* कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता हैI एक बार बोल कर देखिये
हम अपनी भाषा पर गर्व करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को इसका कारण भी बताईयेI इतनी वैज्ञानिकता दुनिया की किसी भाषा में नही हैI
१४ सितम्बर हिंदी दिवस की शुभकामनायें ।।